Haryana Weather : शुक्रवार को दोपहर बाद हरियाणा के पश्चिमी जिलों सिरसा हिसार भिवानी चरखी दादरी महेंद्रगढ़ में मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिला यहां तेज गति से हवाएं चलने 25-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धल भरी आंधी और हल्की बारिश/बूंदा-बांदी और कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में आने वाले तीन चार दिनों तक लगातार मौसम परिवर्तन शील बना रहेगा इस दौरान सम्पूर्ण इलाके पर बादल वाही साथ ही साथ तेज गति से हवाएं चलने धूल भरी आंधी चलने और हल्की बारिश बूंदा-बांदी और सीमित स्थानों गरवा बहल भिवानी, खारिया सिरसा, और महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी, ढोसी, कोरिया वास दौचाना के आसपास ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया।
शुकवार रात्रि को भी धीरे- धीरे हरियाणा एनसीआर दिल्ली में इस मौसम प्रणाली का असर देखने को मिलेगा। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात गुरुग्राम और दिल्ली एनसीआर में आंधी व गरज चमक के साथ बिखरे तौर पर हल्की से मध्यम बरसात होगी। कुछ जगह भारी बौछारों के साथ ओलावृष्टि भी संभव है।। अचानक मौसम इस आएं बदलाव से आमजन को लूं के साथ भीषण गर्मी से आमजन को राहत मिलेगी।
वर्तमान समय में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पाकिस्तान में पर मौजूद है आज रात्रि तक यह मौसम प्रणाली उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन दक्षिणी पंजाब और उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बनने से जो धीरे-धीरे राजस्थान के पूर्वी हिस्से पर पहुंच जाएगा जिससे सम्पूर्ण इलाके में लगातार आने वाले तीन दिनों तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस लिए भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर इस दौरान दक्षिणी हिस्सों के लिए ऑरेंज और उत्तरी हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
शुक्रवार को महेंद्रगढ़ में सुबह से आमतौर पर मौसम साफ बना रहा दोपहर बाद अचानक मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिला सम्पूर्ण इलाके पर बादलों ने डेरा जमा लिया और जिला के पश्चिमी दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश बूंदा-बांदी साथ ही साथ एक दो स्थानों नांगल चौधरी और ढोसी के आसपास नानक पूर, दौचाना कोरिया वास बदोपूर और राजस्थान से लगते हिस्सों में ओलावृष्टि की गतिविधियों को दर्ज किया गया।