रोहतक। हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है। राज्य में जजपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा की सरकार बनाने वाले 3 निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों में पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं। साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के साथ रहने की बात कही है। तीनों विधायक रोहतक पहुंचे हैं। यहां उन्होंने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कांफ्रेंस की है। तीन विधायक प्रेसवार्ता में पहुंच हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद के भी कांग्रेस को समर्थन की चर्चा है लेकिन वे यहां नजर नहीं आए। उनका अभी इंतजार है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी प्रेस वार्ता में मौजूद हैं। विधायकों ने नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का स्वागत किया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है और जनभावना को देखते हुए ही इन्होंने फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह ठीक समय पर ठीक फैसला लिया गया है। कांग्रेस के पक्ष में लहर चल रही है, इसमें इनका भी योगदान होगा कि ये बाहर से कांग्रेस का समर्थन करेंगे। इन्होंने जनभावनाओं की कद्र करते हुए ये फैसला लिया है।
गौरतलब है कि कैबिनेट विस्तार के दौरान नायब सैनी की कैबिनेट में रणजीत चौटाला के अलावा इनमें से किसी निर्दलीय विधायक को जगह नहीं मिली थी। इसी बाद से चारों विधायक नाराज थे। निर्दलीय विधायकों के इस फैसले को लेकर हरियाणा की सियासत में गरमाहट आ गई है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने मांग की कि हरियाणा की भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। इसलिए नैतिकता यही कहती है कि अब मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस्तीफा देकर चुनाव करवा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जजपा का अब हरियाणा सरकार को समर्थन नहीं है, सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ आ गए हैं, ऐसे में सरकार अब बहुमत के आंकड़े से दूर हो चुकी है।