जब बच्चा लगभग 6 महीने का होता है, तो वह धीरे-धीरे पैर फेंकता है। लगता है कि जैसे वह चलना चाहता है। ऐसे में पैरेंट सबसे पहले उसके लिए बेबी वॉकर खरीद लाते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बच्चा जल्दी और तेजी ये चलना सीख जाएगा।
इसमें बैठकर बच्चों को काफी मजा आ जाता है, क्योंकि वे बहुत जल्दी जल्दी अपने कदम आगे बढ़ते हैं। उनके लिए तो यह बस एक खेल है, जिसे वे खूब एन्जॉय करते हैं। अगर आप भी अपने बेबी के लिए बेबी वॉकर खरीदने की सोच रहे हैं, तो जरा रुक जाइए।
बेबी वॉकर नन्हे बच्चों के पैरों की हड्डियों और मसल्स को कमजोर बना रहा है. ये चौंकाने वाला खुलासा केजीएमयू के डॉक्टरों ने किया है. यहां के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स विभाग की ओपीडी में ऐसी परेशानी के साथ कई बच्चे आ रहे हैं.
ओपीडी में 100 से 125 बच्चे रोज हड्डी से जुड़ी बीमारियों के साथ आ रहे हैं. एक साल में इस तरह के 20 हजार से ज्यादा बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं. बहुत से बच्चों की एड़ी व घुटने में समस्या देखने को मिल रही है. डॉक्टरों के अनुसार, 6-8 महीने के बच्चों में एड़ी संबंधी परेशानी की वजह वॉकर पाई गई है.
पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक्स डॉक्टर्स का कहना है कि 11 माह से पहले बच्चे को बहुत चलाने के प्रयास नहीं करने चाहिए. वॉकर तो बच्चों को देना ही नहीं चाहिए. वॉकर के सहारे चलने से शरीर का पूरा बोझ एड़ी, घुटनों समेत दूसरे जोड़ों पर पड़ता है. इससे हड्डियों में विकार का खतरा बढ़ जाता है.
इससे मसल्स की वृद्धि और विकास बाधित होता है. वॉकर के सहारे चलना सीखने वाले बच्चों की हड्डियां टेढ़ी हो रहीं है. इससे टेढ़ी हड्डी व घुटनों संबंधी परेशानी के बहुत कारण हो सकते हैं.
डॉ. का कहना है कि जिन शिशुओं को वॉकर के साथ ट्रेंड किया जाता है, उनमें चलने के पैटर्न स्थायी गड़बड़ी की आशंका बहुत अधिक होती है, क्योंकि छोटे बच्चों के पैरों की हड्डियां काफी नरम होती हैं. ऐसे में दबाव या बोझ पड़ने से उनमें दिक्कत आ सकती है.