चैत्र नवरात्रि का आज समापन हो रहा है. नवमी तिथि पर व्रत के पारण के बाद व्रत का समापन हो जाएगा. नवरात्रि तिथि के बाद स्थापित किये गए कलश, नारियल, जवारे और पूजा के साम्रगी का आप को क्या करना है ? यह सभी के मन में प्रश्न होता है, तो आइये जानते हैं किस विधि के साथ इस सामान को कहां और क्या करना.
नारियल का क्या करें? चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन, कलश के ऊपर रखे नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रखना चाहिए. ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
अगर आप नारियल को सुरक्षित जगह ना रख पाएं तो कोशिश करें कि इसे प्रवाहित कर दें. अगर आप नारियल को घर में सुरक्षित रख लेते हैं तो इसे प्रसाद के रूप में खाया जा सकते हैं. इस नारियल को सभी परिवार वालों में बांटे और मां के आशीर्वाद के रूप में इसे ग्रहण करें.
इस बात का खास ख्याल रखें कि नारियल को कहीं भी इधर-उधर ना रखें. ऐसा करने से दुर्गा मां नाराज हो सकती है. इसीलिए पूजा समाप्ति के बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा के साथ पर रख दें. वरना दशमी तिथि के दिन प्रवाहित कर दें.
चावल का क्या करें ? साथ ही नारियल के नीचे रखें चावल को घर के हर कोने में छिड़कना चाहिए. ऐसा करने से मां भगवती की कृपा आप पर और आपके परिवार पर सदैव बनी रहती है. घर में सुख-समद्धि का वास होता है और पैसे और धन की तंगी कभी नहीं आती.
जवार का क्या करें? अगर आपके अपने घर में नवरात्रि के दौरान जौ या जवार के दाने मिट्टी के बर्तन में बोए हैं तो नवरात्रि के बाद जौ को प्याले से बाहर निकालकर, कुछ जौ को लेकर घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए.
कुछ जौ को पैसों के स्थान पर रखना चाहिए, जैसे घर की तिजोरी में रखना. ऐसा करने से घर में बरकत पड़ती है. बाद में जवारे और पूजा के सामान का विसर्जन कर देना चाहिए.