सोन नदी के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित इस प्राचीन और मजबूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र और राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था
16वीं सदी में मुसलमानों के अधिकार में चला गया और अनेक वर्षों तक उनके अधीन रहा
किले की चारदीवारी का निर्माण शेरशाह ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कराया था, ताकि कोई किले पर हमला न कर सके
स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के समय अमर सिंह ने यही से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था