जब वो इस पक्षी को जाल में छोड़ने लगे तो उनके हाथ में गलती से एक कट लग गया. जिसके बाद उनके हाथ में तेज जलन पड़ने लगी और वो सुन्न पड़ गया
जलन से बचने के लिए जैक डम्बस ने कट वाली उंगली मुंह में डाल ली. कुछ सेकेंड में उनके होंठ और जीभ जलने लगे और बेहोशी जैसी हालत हो गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल तक ले जाना पड़ गया.
इसके घटना के बाद जैक डम्बसर को समझ में आया कि उन्होंने दुनिया का पहला जहरीला पक्षी खोज निकाला है.
दो साल की रिसर्च के बाद साल 1992 में वो इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हुडेड पितोहुई में बैट्राचोटॉक्सिन पाया जाता है, जो दुनिया का सबसे घातक न्यूरोटॉक्सिन जहर है.