दो वक्त की रोटी दिनभर का सुकून देती है। भारतीय थाली बिना रोटी के कभी भी पूरी नहीं होती है। रोटी सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि पेट भरने के लिए भी खाई जाती है। सुबह का नाश्ता हो या रात का डिनर, रोटी को किसी भी वक्त बनाकर खाया जा सकता है।
हर घर में सुबह शाम को रोटी बनाई और खाई जाती है इसलिए आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आप रोटी सही से बना रहे हैं या नहीं। दरअसल, वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों के अनुसार अगर आप सही तरीके से रोटी बनाते हैं तो आपके घर में खुशहाली हमेशा बनी रहेगी।
वास्तु शास्त्र में आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक के लिए कई नियम दिए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आपको रोटी बनानी चाहिए, लेकिन अगर आप रोटी बनाते समय इन नियमों की अनदेखी करते हैं तो आपको इसके बुरे परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आपको किन नियमों को ध्यान में रखकर रोटी बनानी चाहिए।
बासी आटे की रोटी : वास्तु नियमों के अनुसार बासी आटे की रोटियां बनाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा नाराज रहती हैं। घर में दरिद्रता और आर्थिक तंगी आने लगती है। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। बासी रोटी का संबंध राहु से माना जाता है। साथ ही यह रोटी किसी के शरीर में नहीं लगती और परिवारजनों का स्वास्थ्य भी खराब रहने लगता है।
पहली रोटी निकालें: शास्त्रों के अनुसार हमेशा पहली रोटी गाय के लिए निकालनी चाहिए और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे घर में दुख-परेशानी बनी रहेगी। इसलिए वास्तु शास्त्र के इस नियम की अनदेखी बिल्कुल न करें।
मेहमानों का आदर : वास्तु शास्त्र के मुताबिक, 2 रोटी हमेशा मेहमान के लिए भी बनानी चाहिए. क्योंकि घर में आए गेस्ट को कभी भी भूखा नहीं जाने देना चाहिए. इसलिए 2 रोटी अधिक बनाएं. यदि घर पर अतिथि नहीं आता है तो ऐसी स्थिति में आप ये रोटियां कुत्ते, बिल्ली या फिर पक्षियों को खिला सकते हैं.
अशुभ होती हैं तीन रोटियां : वास्तु नियमों के अनुसार किसी को खाने में एक साथ तीन रोटियां नहीं परोसना चाहिए। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। ऐसा माना जाता है कि एक थाली में 3 रोटी मुर्दों का भोजन होता है, इसलिए किसी को भी भोजन परोसते समय केवल दो रोटी ही थाली में रखनी चाहिए।
हाथ में न परोसे रोटी : वास्तु नियमों के अनुसार रोटी हमेशा किसी बर्तन जैसे छोटी प्लेट या थाली से ही परोसी जाना चाहिए। हाथ में रोटी लेकर परोसना शुभ नहीं माना जाता है। इससे मां अन्नपूर्णा खिन्न हो जाती हैं और घर से सुख-समृद्धि चली जाती है।