सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी (UP) के 16000 मदरसों के 17 लाख छात्रों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च को दिए आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले में अब जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक बताया था। फिलहाल 2004 के मदरसा बोर्ड कानून के तहत ही मदरसों में पढ़ाई चलती रहेगी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है। देश की शीर्ष कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला प्रथम दृष्टया सही नहीं है। क्योंकि हाईकोर्ट का ये कहना सही नहीं कि ये धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है।
बता दें कि अंशुमान सिंह राठौर ने यूपी मदरसा कानून की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 2004 के एक्ट को असंवैधानिक करार दिया था। हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।