लीच थेरेपी-देखकर कहेंगे उफ्फ! करवाने के बाद बोलेंगे वाह, जानिए कैसा है ये इलाज 

देखकर औऱ सोचकर एकदम रोंगटे खड़े हो जाते हैं. एकदम घिन लगने लगती है लेकिन ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. हम बात कर रहे हैं लीच थेरेपी की.

ये कई तरह के दर्द, बीमारी और स्किन केयर में कमाल का असर दिखा रही है.  à¤¦à¥‡à¤–ने में बहुत भयानक लगने वाली लीच यानी जोंक थेरेपी धीरे धीरे लोकप्रिय होती जा रही है. 

थेरेपी लेने वालों का कहना है ये बहुत कारगर होती है. इससे शरीर के बड़े से बड़े दर्द को कम किया जा सकता है और स्किन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है. दाद-खुजली, कील-मुहांसे, गंजापन, दांत और डायबिटीज जैसी बीमारियों का उपचार लीच थैरेपी के जरिए भी किया जा सकता है। 

बहुत आसान है लीच थैरेपी ‘लीच थैरेपी’ बहुत ही आसान और प्रभावशाली है। इस थैरेपी में लीच को शरीर में ऐसे स्थान पर रखा जाता है, जहां दर्द या घाव रहता है। लीच तुरंत ही उस स्थान पर खून चूसना शुरू कर देता है। शरीर में मौजूद गंदे खून को लीच चूस लेता है तो धीरे-धीरे वह बीमारी दूर होने लगती है।

गंजेपन से मुक्ति गंजेपन को दूर करने के लिए लीच थैरेपी बेहतर उपचार है। सिर पर जहां बाल कम होते हैं, वहां लीच को रख दिया जाता है। लीच सिर के उस हिस्से से गंदे खून को चूसती है और वहां शुद्ध रक्त का संचार होने लगता है। इससे उस जगह नए बाल आने लगते हैं।

डायबिटीज में फायदेमंद लीच थैरेपी की मदद लेकर शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं। लीच के लार में हिरूडीन नामक तत्व पाया जाता है, यह शरीर में रक्त के थक्के को जमने नहीं देता। लीच थैरेपी से डायबिटीज के मरीजों का इलाज करने से उनके शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है।

नस की सूजन कम करे लीच थेरेपी से पैर में सूजन और दर्द कम हो जाता है। लीच थेरेपी से पैर की नस में रक्त का थक्का नहीं बनता है जिससे पैदल चलने की क्षमता में सुधार होता है। इसके लिए संक्रमित हिस्से में चार से छह लीच थेरेपी की प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।

सुनने की क्षमता में सुधार लीच थेरेपी कान में सूजन और टिनिटस को दूर करता है। इसमें दो लीच का इस्तेमाल किया जाता है। एक लीच कान के पीछे और दूसरे कान के सामने। स्टडी में इस प्रक्रिया को 3-4 दिनों के अंतराल पर 2-3 बार किया गया और स्थिति में सुधार देखा गया।

दर्द दूर करे लीच थेरेपी ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों के उपचार में अधिक प्रभावी है। लीच के लार में मौजूद हिरुदिन पेप्टाइड गठिया के रोगियों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह थेरेपी एक सप्ताह के भीतर विकलांगता में सुधार कर सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान लीच थेरेपी लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी होता है। लीच थेरेपी से बहुत से लोगों को एलर्जी की भी शिकायत हो सकती है और जिन लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है, उन्हें भी इस थैरेपी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

लीच थेरेपी लेने से पहले इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अगर किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बता दें अन्यथा लीच थेरेपी लेते समय कोई साइड इफेक्ट भी हो सकता है।