इन दिनों यूरिक एसिड की समस्या बढ़ती जा रही है. इस समस्या को अगर वक्त रहते ही कंठ्रोल ना किया जाये तो इससे शरीर में की बड़े नुकसान होते हैं
एक्सपर्ट बताते हैं कि पान के पत्तों से शरीर के यूरिक एसिड की समस्या को कम किया जा सकता है
सूजन शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे गाउट जैसी स्थिति पैदा होती है. पान के पत्तों के नियमित सेवन से सूजन से निपटने में मदद मिल सकती है, जिससे गठिया की गंभीरता को कम किया जा सकता है
सूजन रोधी गुण
पान के पत्तों में ऐसे कम्पाउंड होते हैं जो किडनी के कार्य को बेहतर करते हैं. इससे किडनी को शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद मिलती है. यह प्राकृतिक मूत्रवर्धक की तरह कार्य करता है, जिससे यूरिक एसिड यूरिन के माध्यम से बाहर हो जाता है
यूरिक एसिड को बाहर करना
पान के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, जैसे विटामिन ए और सी शरीर के महत्वपूर्ण होते हैं. यह फ्री रेडिकल्स को कम करने में सहायक होते हैं. इससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है. पान के पत्तों से शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाया जा सकता है
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
पान के पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से पाचन और मेटाबॉलिज्म में सुधार के लिए किया जाता रहा है. पाचन तंत्र बेहतर होने से भोजन से पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरह से होता है. इससे यूरिक एसिड भी नियंत्रित रहता है
पाचन और मेटाबॉलिज्म
पान की करीब दो से चार पान की पत्तियों को करीब दो कप पानी में उबाल लें. जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान लें. आप पान की पत्तियों का रस निकाल लें और इसे करीब आधा कप गुनगुने पानी के साथ पीने से भी आपको फायदा मिलता है.पान के पत्तों को सीधे चबाकर भी सेवन कर सकते हैं
यूरिक एसिड में कैसे करे पान के पत्ते का इस्तेमाल