स्वाद से भरे मोमोज़ की शुरुआत आखिर भारत में कहां से हुई

मोमोज का नाम सुनते ही सभी के मुंह में पानी आ जाती है

भारत के अलावा दूसरे देशों में भी मोमोज को खूब पसंद किया जाता है

क्या आपने कभी सोचा है कि मोमोज की शुरुआत आखिर कहां से हुई होगी

कब यह स्वादिष्ट व्यंजन, फ़ूड की दुनिया से निकलकर खाने की प्लेट का अहम् हिस्सा बन गया

क्या होता है मोमोज़ का मतलब

मोमोज का अर्थ है- भाप में बनी तिब्बती डिश, जो कि मांस और सब्जियों को मिलाकर तैयार की जाती है

तिब्बत से निकलकर मोमोज सबसे पहले नेपाल गए तो उन्हें बनाने की विधि और सामग्री थोड़ा अलग हो गई

नेपाल में मोमोज सबसे पहले काठमांडू में मिलने शुरू हुए थे

नेपाली व्यापारियों ने अपने व्यापार के दौरान तिब्बत के इन पकौड़ों को अपनाया और स्थानीय शैली में इस पकवान को एक नया रूप दिया और इस तरह मोमोज़ की शुरुआत हुई

मोमो एक तरह की नेपाली पकौड़ी है जिसे नेपाल में फिर से बनाया गया था

बाद में, यह डिश पूरे नेपाल और पड़ोसी देश जैसे भारत में भी इतना लोकप्रिय हो गया कि इसके स्वाद को पूरी दुनिया में जाना जाने लगा

भारत के सिक्किम में मोमोज, भूटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों की वजह से पहुंचा, जिनके आहार का मुख्य हिस्सा मोमोज हुआ करता था

भारत में मोमोज की शुरुआत की बात की जाए तो 1960 के दशक में बहुत भारी संख्या में तिब्बतियों ने अपने देश से पलायन किया

उनका यह स्वादिष्ट व्यंजन भारत के सिक्किम, मेघालय, पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग और कलिमपोंग के पहाड़ी शहरों से होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया