हमारे देश में खिचड़ी महज एक प्रकार का भोजन नहीं है, यह एक पारंपरिक पकवान है
भारत में कई त्योहार खिचड़ी के बिना अधूरे हैं
खिचड़ी शब्द संस्कृत भाषा के शब्द 'खिच्छा' से आया है, जिसका अर्थ है चावल और फलियों से बनाया गया व्यंजन
हमारे देश भारत में खिचड़ी का चलन बहुत पुराना है
मकर संक्रांति के पर्व पर खिचड़ी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है
मुगलों के समय से जुड़ा है खिचड़ी का इतिहास
भारत में खिचड़ी का इतिहास 2,500 साल से भी पुराना है
जब भारत मुगलों के अधीन था कि उपमहाद्वीप में खिचड़ी प्रमुखता से बढ़ी
अकबर को खिचड़ी बहुत पसंद थी
अकबर के दरवार में अबुल फजल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी पकाता था और उसके घर से गुजरने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे खिचड़ी का स्वाद ले सकता था
14वीं सदी में मोरक्को यात्री इब्नबतूता, 15वीं सदी में रूसी यात्री अफानासी निकितिन व 16वीं सदी में अबुल फजल ने अपने दस्तावेजों में खिचड़ी का जिक्र किया है
14वीं सदी में भारत आने वाले मोरक्को के प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता ने लिखा
मुंज को चावल के साथ उबाला जाता है, फिर मक्खन लगाया जाता है और खाया जाता है। इसी को वे खिचड़ी कहते हैं
खिचड़ी का सबसे पहला संदर्भ भारतीय महाकाव्य 'महाभारत' में पाया जाता है
महाभारत में द्रौपदी ने अपने वनवास के दौरान पांडवों को खिचड़ी खिलाई थी