हमारे देश के अधिकांश घरों में रोजाना दाल-चावल जरुर बनता है
देश के कई हिस्सों में दिन में कम से कम एक बार के भोजन में दाल चावल ज़रूर खाया जाता है
लेकिन क्या आप जानते हैं भारतीय दिलों की धड़कन ये देसी खाना दाल-चावल भारत की देन है ही नहीं
जी हां बिल्कुल सच है कि दाल-चावल का इतिहास भारत से नहीं जुड़ा है
दाल-चावल पड़ोसी देश नेपाल की देन है
दाल और चावल को अलग अलग पका कर और फिर मिलाकर खाने का चलन भारत में नेपाल से आया था
दाल चावल सबसे पहले पहाड़ों की तराइयों में बनाए गए
पर्वतारोहियों में दाल चावल का चलन बहुत पुराना है
दाल चावल का भोजन उनमें इतना ज्यादा प्रचलित है कि कई बार किसी पहाड़ की ऊंचाई को वो इस बात से नापते हैं की उस ऊंचाई को पूरा करने में कितनी बार दाल चावल बनाकर खाने होंगे
भारत में नेपाल से आए दाल-चावल यहां आकर हर घर में इनका स्वाद बदलता चला गया