जंगल माधुरी कुंज मंदिर में पुरुष पुजारी को मिलती है मासिक धर्म की छुट्टी

अयोध्या को मंदिरों की नगरी कहा जाता है। यहां पर स्थित हर एक मंदिर की अपनी कहानी है

इनमें से ही एक मंदिर है जंगल माधुरी कुंज मंदिर 

इस मंदिर में पूजा करने वाले पुरुष पुजारी को हर महीने मासिक धर्म अवकाश मिलता है

ये अवकाश उन्हें भगवान राम और माता सीता की ओर से दिया जाता है

इस मंदिर के पुजारी राम बहादुर को हर महीने के तीन दिन मासिक धर्म का अवकाश मिलता है।

यह मंदिर संखी परंपरा है। जब माता सीता की सखियां साथ नहीं होतीं तो महंत को सखी भाव में आना पड़ता है। तब उनके सिर पर दुपट्टा और माथे पर चंदन सजा होता है

इस मंदिर में श्रीराम-सीता के साथ ये आठों सखियां भी विराजमान हैं। लेकिन हर समय ये सखियां राम-सीता के साथ मौजूद नहीं होती हैं।

विशेष अवसरों पर ही सखियां राम-सीता के साथ मौजूद होती हैं। ऐसे वो शयनकक्ष में विश्रााम करती रहती हैं। ऐसे में पुजारी को सखियों का रुप धारण कर विशेष अवसरों पर राम-सीता के सामने नृत्य करना पड़ता है।