मनोहर लाल खट्टर के जन्म से पूर्व इनके परिवार ने भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी को झेला। उस समय इनका परिवार वहां पर अपना सब कुछ छोड़कर ज़िला रोहतक के गांव निंदाणा में आकर बसा।
मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे,लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही खेती करें। उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर अपने पिता को विश्वास में लेकर रोहतक के नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया।
मनोहर लाल ने दिल्ली में एक छोटी सी कपड़े की दुकान चलाने के साथ-साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई पूरी की