हरियाणा में सरकार का बड़ा फैसला फैसला सामने आया है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार 800 से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद करने जा रही है। दरअसल सरकार ने ये फैसला बच्चों की कम संख्या के चलते लिया है। ऐसा करने के कारण सरकार को मिली रिपोर्ट के अनुसार 7000 बच्चों को अन्य आस -पास के सरकारी स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा। जिन बच्चों का घर काफी दूर है उन बच्चों के लिए सरकार ही परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाए गई।
मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार करीब 800 से ज्यादा वो सरकारी स्कूल बंद करने जा रही है ,जिनमें छात्रों की संख्या 20 से कम है। ऐसे स्कूलों को सरकार ने मर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है। इन स्कूलों के बच्चों को आसपास के सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करेगी। ऐसे करीब 7349 बच्चे हैं, जिन्हें सरकार दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करेगी। वहीं सरकार इन बच्चों को स्कूल जाने के लिए वाहन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी। बता दें कि शिक्षा विभाग ने कई महीने पहले ही उन स्कूलों की लिस्ट मांगी थी, जहां पर 20 से कम छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। ऐसे कम से कम 832 स्कूल हैं। हालांकि बाद में MIS पर इनका डाटा अपडेट होने के बाद स्कूलों की संख्या में कमी भी आई थी। अधिकतर स्कूलों में छात्र संख्या 20 से कम होने के कारण सरकार ने इन स्कूलों के बच्चों को पास के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले दूसरे सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्णय लिया था। अब सरकार ने ऐसे 7349 बच्चों की सूची जारी की है, जिन्हें पास के सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया जाना है।
वहीं शिफ्टिंग के दौरान कुछ बच्चों के घर से स्कूल की दूरी 1 किलोमीटर से अधिक है। हालांकि विभाग द्वारा एक किलोमीटर तक की दूरी वाले स्कूलों में इन बच्चों को शिफ्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ बच्चों के किलोमीटर की दूरी अधिक होने के चलते उस पर विचार विमर्श किया जाएगा कि उन्हें किस तरह से परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाए और उन्हें शिफ्ट किया जाएगा या नहीं। वहीं सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद सीएम मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ऐसे बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने का ऐलान किया है।
बता दें कि प्रदेश में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां शिक्षकों की कमी है। इसके चलते उन स्कूलों में बच्चे दाखिला नहीं लेते हैं। इस कारण इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 से कम रह गई। अब इन बच्चों को जल्द ही पास के स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। सरकार द्वारा इनके लिए परिवहन सुविधा का भी बंदोबस्त किया जाएगा, ताकि इन्हें आने जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो।