रोहतक। रोहतक में निजी बस परिचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। परिचालक बुजुर्गों से पूरा किराया वसूल रहे हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि अगर किराये में कटौती चाहिए तो सरकारी बस में जाये। वे ऐसा कर के सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए बनाई गई निजी बसों में आधे किराए की योजना की धज्जियां उड़ा रहे हैं और इस वजह से इस योजना का लाभ पात्रों को नहीं मिल रहा है। इस बारे में रोडवेज डिपो प्रशासन अनेक शिकायत कर चुके है, लेकिन क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
शिवाजी कॉलोनी से जयपाल ने बताया कि आधार कार्ड दिखाने के बाद भी निजी बस में परिचालक ने पूरा किराया वसूला। समाज कल्याण विभाग से बना कार्ड भी परिचालक को दिखाया। इसके बावजूद परिचालक नहीं माना और रोहतक से झज्जर तक का पूरा किराया वसूला। वहीँ प्रेम नगर की फुलवंती ने कहा कि बहादुरगढ़ से रोहतक की तरफ आते समय निजी बस परिचालक ने टिकट लेने के लिए कहा। टिकट के रुपये दिए मांगा तो आधी टिकट बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग का बनाया पास दिखाया। इसके बावजूद 55 रुपये पूरा किराया वसूला और बाद में टिकट भी नहीं दिया।
इसी तरह पटेल नगर से सुदेश ने बताया कि वह रोहतक से दिल्ली जाते समय निजी बस में सवार हुई थी। बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन पर उतरना था। बस परिचालक ने आधी टिकट न देकर पूरा टिकट दिया। बार-बार कहने के बावजूद वह बस से उतारने की धमकी देने लगा। किराया लेने के बाद टिकट भी नहीं दिया। ऐसे ही बाबरा मोहल्ले के राजीव शर्मा ने बताया कि निजी बस से भिवानी के लिए किसी काम से गया था। परिचालक ने टिकट मांगा और उसे आधा किराया देने लगा तो पूरे पैसे देने को कहा। पहचान पत्र देने के बाद भी उसने पूरा किराया लिया। जब मैंने उसे सरकार की योजना के लिए कहा तो उसने अपशब्द कहे।
रोडवेज डिपो के संस्थान प्रबंधक जयवीर कुमार ने इस मामले को लेकर बताया कि किराये संबंधी शिकायत आती रहती है। इन शिकायतों को आरटीओ के पास भेजा जाता है। रोडवेज इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। इसलिए यह शिकायत विभाग को भेजी जाती है।