सहायता प्राप्त स्कूलों से सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित शिक्षकों को सेवा लाभ देने के आदेश का पालन नहीं करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को शिक्षा और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव का वेतन रोकने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी 2024 को होगी।
हाई कोर्ट के जज राजबीर सहरावत ने अनिल कुमार व अन्य की ओर से दायर मानहानि याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के प्रधान सचिव का वेतन अगले आदेश तक रोका जाए।
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यह मामला 2012 का बताया जा रहा है, जब शिक्षकों ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि सरकारी स्कूलों में दाखिला लेते समय सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में उनकी सेवा अवधि को ध्यान में रखते हुए वेतन तय किया जाए। 2018 में, उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की लंबे समय से लंबित मांगों के पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार को वेतन तय करके उनकी याचिका पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। पंजाब में शिक्षकों को सेवा लाभ देने के कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने से नाराज हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब के शिक्षा और वित्त विभाग के प्रधान सचिव का वेतन अगले आदेश तक रोकने का आदेश दिया है।