Saturday, November 23, 2024
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हरियाणा के सभी जिलों में दो घंटे ओपीडी सेवाएं रही ठप, चिकित्स्कों ने की पेन डाउन हड़ताल

हड़ताल के चलते रोहतक में पीजीआई और सिविल अस्पताल में दूर दराज के गांवों और शहरों से पहुंचे हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लंबित मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।

रोहतक। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर रोहतक जिला नागरिक अस्पताल और पीजीआई में चिकित्सकों ने कलम छोड़ हड़ताल की। जिसके चलते सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानी हुई। हड़ताल के चलते रोहतक में पीजीआई और सिविल अस्पताल में दूर दराज के गांवों और शहरों से पहुंचे हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लंबित मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।

खाली पड़ी डॉक्टर की कुर्सी

हरियाणा चिकित्सकों की हड़ताल का असर हर जिले में देखने को मिला। डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सबसे ज्यादा इलाज करवाने आए मरीज प्रभावित हुए। लोग जब कार्ड बनवाने के बाद डॉक्टर के पास पहुंचे तो जवाब मिला कि आज डॉक्टर दो घंटे के लिए हड़ताल पर हैं। मरीजों के लिए 11 बजे तक इंतजार करने के लिए कोई चारा नहीं था। हालांकि इमरजेंसी में डॉक्टर काम करते रहे। उनको हड़ताल से अलग रखा गया था। ओपीडी के डॉक्टर पार्क में बैठकर मांगों पर रणनीति बनाते रहे, जबकि मरीज उनके कमरों के बाहर बैठकर इंतजार करते रहे।

चिकित्सकों ने 11 बजे के बाद सीट संभाली और इसके बाद ही मरीजों को उपचार मिल पाया। तब तक ओपीडी के बाहर भीड़ लग गई। दरअसल स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग चिकित्स्कों द्वारा की जा रही है। इसको सीएम की घोषणा में शामिल किया गया था। दो साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को भी लिखित में दिया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से चिकित्सकों की मांगें लंबित हैं।

चिकित्स्कों ने बताया कि सर्विस में चिकित्सकों को जिस वक्त पीजी करने जाना होता है, तो एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं। एसोसिएशन की मांग है कि पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया जाए। पहले यह राशि 50 लाख थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिसकी वजह से चिकित्सकों को दो घंटे की पेन डाउन हड़ताल करनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हड़ताल के बाद भी मांगे नहीं मानी गई तो राज्य कार्यकारिणी के आदेश पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

रोहतक में भी हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जिले के सभी राजकीय स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सकों ने शनिवार को दो घंटे ओपीडी नहीं देखी। इसके चलते सिविल अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं सुबह 9 से 11 बजे तक प्रभावित रहीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी केस अटेंड किए गए। वहीं, चिकित्सकों की हड़ताल के चलते हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। चिकित्सकों ने 11 बजे के बाद सीट संभाली और इसके बाद ही मरीजों को उपचार मिल पाया।

वहीं, चिकित्सकों की हड़ताल के चलते करीब 30 फीसदी ओपीडी प्रभावित रही और मरीजों को बिन उपचार के ही लौटना पड़ा। चिकित्सकों के 11 बजे ओपीडी देखना शुरू किया और उसके बाद कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही। उपचार से पहले किसी मरीजों को दो घंटे का लंबा इंतजार करना पड़ा। वहीं, कई मरीज बिन उपचार के ही स्वास्थ्य केंद्रों से लौट गए।

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