राजधानी चंडीगढ़ से 50 दिन पहले लापता हुई दो बहनें अपने घर पहुंच गई हैं। इनमें से एक लड़की नाबालिग है जबकि उसकी बड़ी बहन ने घर छोड़कर अंबाला में एक ऑटो ड्राइवर से शादी कर ली है। छोटी बच्ची के अनुरोध पर जब ऑटो चालक का परिवार उसे चंडीगढ़ छोड़ने आया तो परिवार ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है। कोर्ट में उनके बयान दर्ज किये गये।
18 अक्टूबर को अपनी दो बेटियों के लापता होने के बाद माता-पिता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इन दोनों लड़कियों के माता-पिता चंडीगढ़ के सेक्टर 21 में रहते हैं और विकलांग हैं जो न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं। लापता बहनों के चाचा जगजीत सिंह के मुताबिक उन्होंने अपने स्तर पर पूरी कोशिश की। उनके हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी लगे हैं, जिन्हें पुलिस को सौंप दिया गया है। इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
18 अक्टूबर को दोनों बहनें अंबाला में अपनी मौसी के घर जाने के लिए निकली थीं, लेकिन मौसी के घर नहीं पहुंचीं। इसी बीच एक ऑटो ड्राइवर दोनों बहनों की मदद के लिए आया और उन्हें उनके घर पहुंचाया। वहां उनके परिवार ने बड़ी उम्र की लड़की की शादी उनके बेटे से कर दी। करीब डेढ़ महीने बाद जब बच्ची ने वहां रुकने से इनकार कर दिया तो ऑटो ड्राइवर के परिवार वालों ने उसे समझाया। छोटी बहन ने घर लौटने की जिद की तो ऑटो चालक का परिवार उसे छोड़ने चंडीगढ़ आ गया।
परिवार का आरोप है कि ऑटो चालक के परिवार के सदस्यों ने अपनी बेटी की शादी अंबाला के एक मंदिर में करने की कोशिश की, लेकिन वहां के पुजारी ने उनकी छोटी बेटी के पास आधार कार्ड नहीं होने के कारण शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद ऑटो ड्राइवर के परिवार वालों ने मंदिर के बाहर मोमबत्ती जलाई और सिमरन की शादी अपने बेटे से कराई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।