हिसार। रेसलर विशाल कालीरमण और बजरंग पुनिया में जुबानी दंगल बढ़ता जा रहा है। पुनिया सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर लाइव आकर कालीरमन पर हमला बोला। पुनिया ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि तुम्हारा चैलेंज एशियन गेम्स के बाद एक्सेप्ट कर लेंगे। मैं कहीं जा नहीं रहा हूं। मैं देश छोड़कर नहीं भागा हूं, न मैं मरा हूं और न ही मेरा जमीर मरा है। तुम तो शुरू से ही बृजभूषण की जय-जयकार कर रहे हो।
पहलवान विशाल कालीरमन बजरंग पुनिया को एशियन गेम्स में बिना ट्रायल के भेजने का विरोध कर रहे हैं। बजरंग की एंट्री से एशियन गेम्स में विशाल का सपना टूट गया। विशाल कालीरमन स्टैंडबाई पहलवान के तौर पर क्वालीफाई कर चुके हैं। यानि बजरंग पुनिया नहीं जाते तब उन्हें एशियन गेम्स का टिकट मिलता। इसी वजह से विशाल ट्रायल की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि बजरंग पुनिया ट्रायल दें, जो भी जीतेगा वो आगे जायेगा।
विशाल और बजरंग पुनिया की लड़ाई सड़क पर भी जारी है। पहलवान बजरंग पूनिया के खिलाफ हिसार के गांव सिसाय में प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पहलवान बजरंग पूनिया का पुतला फूंका और मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। गांव सिसाय के ग्रामीणों ने पहलवान विशाल कालीरावण का समर्थन करते हुए कहा कि बिना ट्रायल बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में भेजा जाना सरासर गलत है। सरकार और कुश्ती फेडरेशन को चाहिए कि बजरंग पूनिया का ट्रायल करवाया जाए। उसके बाद ही एशियन गेम्स भेजा जाए। उन्होंने कहा कि फेडरेशन ने विशाल कालीरावण की अनदेखी की जबकि उसका प्रदर्शन बजरंग पूनिया से कहीं बेहतर है।
पहलवान विशाल कालीरावण ने एशियन गेम्स के लिए जो भी ट्रायल हुए उनमें पांच कुश्तियां में से पांच जीत दर्ज कर नंबर वन स्थान पाया। इतना ही नहीं अगर सरकार यह मानती है कि बजरंग पूनिया ही एशियन गेम्स में जाएंगे तो पहले विशाल काली रावण से कुश्ती करवा कर देख ले सच्चाई का पता लग जाएगा कि में कितना दम है।
रोधी खाप के प्रधान हरदीप शर्मा ने कहा कि बजरंग पूनिया को विशाल कालीरावण का चैलेंज स्वीकार करना चाहिए। विशाल कालीरावण मेरी खाप का बेटा है और मैं विशाल की वकालत करता हूं। विशाल को मौका मिलना चाहिए अगर विशाल को मौका नहीं दिया गया तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा। विशाल की मां राजबाला ने भी बिना ट्रायल बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में भेजने पर कड़ा एतराज जताया और कहा कि मेरे बेटे का चैलेंज स्वीकार करते हुए बजरंग पुनिया कुश्ती लड़े और वह जीतता है तो ही एशियन गेम्स में जाना चाहिए।
बता दें कि पिछले दिनों सिसाय काली रावण में ग्राम पंचायत हुई थी और बिना ट्रायल बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में भेजने के ऊपर कड़ा एतराज जताया था पंचायत ने बजरंग पूनिया को गांव के बेटे पहलवान विशाल कालीरावण के साथ कुश्ती करने का चैलेंज दिया था। साथ ही पंचायत में उपस्थित पंचायतियों ने कुश्ती जीतने पर बजरंग को 27 लाख का इनाम कार और भैंस तक देने की घोषणा की थी। गत दिवस ही बजरंग पूनिया ने चैलेंज को स्वीकार करते हुए कहा था कि मैं कहीं देश छोड़कर नहीं जा रहा, मैं एशियन गेम्स के बाद वापस आऊंगा और विशाल कालीरावण से कुश्ती भी करूंगा।
आपको बता दें कालीरमन 65 किलोग्राम कैटेगरी में खेलते हैं। इसी कैटेगरी में बजरंग पुनिया बिना ट्रायल के ही एशियन गेम्स में पहुंच चुके हैं। फिलहाल वो किर्गिस्तान में ट्रेनिंग ले रहे हैं और वहीं से सीधे चीन पहुंचेंगे, जहां 23 सितंबर से गेम्स शुरू हो रहे हैं, लेकिन एशियन गेम्स शुरू होने से पहले ही भारत में दोनों पहलवानों के बीच दंगल मचा है।