रोहतक। रोहतक में फर्जी सेक्शन ऑफिसर बन एक युवक ने महेंद्रगढ़ के निजामपुर एरिया के युवक को नौकरी का झांसा देकर 22 लाख का चूना लगा दिया है। फर्जी सेक्शन ऑफिसर ने युवक को दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में क्लर्क पद पर नौकरी लगाने के बदले यह पैसा लिया। पीड़ित से रोहतक के होटलों में गूगल मीट द्वारा ऑनलाइन फर्जी इंटरव्यू भी लिए और फिर उसे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया। लेकिन जब सैलरी नहीं आई तो पूरा भेद खुल गया। अब युवक ने मामला दर्ज करवाया है। मामला रोहतक का है और आरोपी फर्जी सेक्शन ऑफिसर जनता कॉलोनी का रहने वाला बताया जा रहा है।
इस मामले में महेंद्रगढ़ के गांव बामनवास नौ तहसील नांगल चौधरी निवासी नरेश यादव ने निजामपुर पुलिस थाना में शिकायत दी है कि वह सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। बहरोड के वार्ड नंबर एक वासी विरेंद्र उर्फ वीरू हमारे गांव के श्याम बाबा मंदिर में पिछले 10-12 साल से आता-जाता है। पारिवारिक तौर पर हमारी व विरेंद्र की अच्छी जान पहचान है। इसी बात का फायदा उठाकर विरेंद्र ने कहा कि उसका रिश्तेदार आदित्य है। वह रोहतक की जनता कॉलोनी में रहता है । वह यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन में सेक्शन ऑफसर पद पर है। अगर 11 लाख रुपये दो तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में क्लर्क पद पर नौकरी लगवा सकता है। उनके कहे अनुसार परिजनों ने 11 लाख नौकरी के बदले देने को तैयार हो गए।
इसके बाद विरेंद्र ने आदित्य से बातचीत करवा दी। उसके कहे अनुसार अपने सभी कागजात रोहतक में आदित्य के पास भिजवा दिए गए और 19 जुलाई 2021 को विरेंद्र को पांच लाख 50 हजार नकद गांव में सुरेश सरपंच व विश्वास सरपंच के सामने और पिता के खाते से पांच लाख 50 हजार का चेक 26 जुलाई 2021 को दिया। अगस्त 2021 में विरेंद्र व आदित्य ने उसे बुलाकर मेडिकल एग्जामिनेशन करवाया। दो डिमांड ड्राफ्ट यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन दिल्ली के नाम बनवाएं। उसे पुलिस वेरिफिकेशन करवाने के लिए एक कागज भेज दिया। पुलिस वेरिफिकेशन करवाकर उपरोक्त दोनों को भेज दिया।
नरेश यादव ने बताया कि 28 नवंबर 2021 को दोनों ने उसे रोहतक में मार्क होटल में रुकवाया। वहां विरेंद्र भी रुका हुआ था। वहीं से ऑनलाइन इंटरव्यू गूगलमीट एप्लीकेशन के जरिए करवाया और कहा कि आपकी परफोरमेंस बहुत अच्छी नहीं रही। अगर सलेक्शन लेना है तो कुछ पैसा और देना होगा। दोबारा से इंटरव्यू अरेंज करवा देंगे। यह सुनकर पिता ने विरेंद्र के बैंक खाते में एक लाख 70 हजार ट्रांसफर कर दिए। तीन दिसंबर 2022 को विरेंद्र व आदित्य ने रोहतक में लगन होटल में रुकवाया। फिर वहीं से ऑनलाइन इंटरव्यू छह दिसंबर 2022 को करवाया और ज्वाइनिंग का आश्वासन दिया।
कुछ दिन बाद इन्होंने मोबाइल कॉल रिसीव करनी बंद कर दी। बार- बार संपर्क करने पर एक दिन आदित्य की मोबाइल कॉल आई और कहा कि कुछ दिक्कत हो गई है। अगर 9 लाख और दो तो ज्वाइनिंग पक्की कर सकता है। उसके कहे अनुसार 14 मार्च 2022 को दो लाख नकद, दो लाख आदित्य के खाता में आरटीजीएस के द्वारा विश्वास सरपंच के खाते से करवाएं, 50 हजार ऑनलाइन पेमेंट रतन के खाता से, एक लाख रुपये गूगल पे रणजीत के खाता से दिए और तीन लाख 50 हजार नगद मैना टूरिज्म रोहतक में दिए। बार-बार बहानेबाजी के बीच यह राशि 22 लाख तक पहुंच गई।
इसके बाद ज्वाइनिंग लेटर थमाया गया और छह माह बाहर फील्ड में ही काम करने को कहा। पीड़ित ने वह भी किया, जब सेलरी नहीं मिली तो सेक्शन ऑफिसर ने कॉल रिसीव करना बंद कर दिया तो परिजनों को शक हुआ। परिजन सहित पीड़ित दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। ज्वाइनिंग लेटर फर्जी मिला। जिसे 22 लाख की राशि सेक्शन ऑफिसर जमा कर दी, वह भी फर्जी निकला। उस पोस्टर पर उस नाम का कोई व्यक्ति तक नहीं मिला। अब हार – थक कर पीड़ित ने पुलिस की शरण ली है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर नामजद विरेंद्र व आदित्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में गांव बामनवास नौ तहसील नांगल चौधरी नरेश यादव ने निजामपुर पुलिस थाना में शिकायत दी है।