Chamatkari Hanuman Murti : मध्य प्रदेश के गौरिहार जनपद के क्यूटी गांव में एक ऐसी हनुमान जी की मूर्ति है, जो न तो मंदिर में है और न ही किसी पुजारी द्वारा पूजा जाती है, फिर भी यहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। यह चमत्कारी मूर्ति वर्षों से लोगों के बीच विश्वास और आस्था का केंद्र बनी हुई है, और श्रद्धालु दूर-दूर से यहां दर्शन के लिए आते हैं।
चमत्कारी मूर्ति की कहानी Chamatkari Hanuman Murti
पंडित दिवाकर पयासी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि हनुमान जी की यह मूर्ति बहुत पुरानी है, और वह पिछले 50 सालों से यहां आकर दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मूर्ति का इतिहास बहुत पुराना है और उनके पुरखे भी इस मूर्ति को देख चुके थे। पंडित दिवाकर ने यह भी कहा कि हनुमान जी की यह मूर्ति चमत्कारी है, और कई बार उन्होंने यहां चमत्कार होते देखे हैं। जैसे कि संतान के इच्छुक लोग यहां आकर संतान प्राप्ति की खुशी पा चुके हैं।
आग से हुआ नुकसान, फिर भी श्रद्धा कम नहीं Chamatkari Hanuman Murti
मूर्ति के आकार में एक समय आग लगने के कारण बदलाव आया था, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई। पंडित दिवाकर बताते हैं कि पहले इस विशाल चट्टान पर मूर्ति स्पष्ट दिखती थी, लेकिन आग की वजह से अब उसका आकार स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता। इसके बावजूद, लोग यहां दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के बाद प्रसाद चढ़ाते हैं।
आखिर क्या है इस मूर्ति की चमत्कारी शक्ति?
श्रद्धालु बताते हैं कि हनुमान जी की यह मूर्ति किसी ने नहीं बनाई है, बल्कि यह मूर्ति अपने आप इस विशाल चट्टान में प्रकट हुई है। यह मूर्ति एक आदिशक्ति है, जिसे देख कर श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास और भी मजबूत हुआ है। पन्ना के अजयगढ़ से आए श्रद्धालु बताते हैं कि उन्होंने तीन साल पहले पुत्र की मनोकामना लेकर यहां प्रसाद चढ़ाया था, और अब उनके घर में पुत्र की किलकारी गूंज रही है। इसलिए उन्होंने आज शुद्ध घी और बेसन से बने लड्डू चढ़ाए हैं।
आखिर क्यों आते हैं श्रद्धालु?
हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं, न केवल मध्य प्रदेश से, बल्कि उत्तर प्रदेश के झांसी जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों से भी। यह हनुमान जी की चमत्कारी मूर्ति लोगों के लिए एक आस्था का प्रतीक बन चुकी है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं के लिए यहां दर्शन करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं।