रोहतक: उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा है कि प्रसव पूर्व लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के शामली जिला में कन्या भ्रूण हत्या व प्रसव पूर्व लिंग जांच में संलिप्त माँ सावित्री अस्पताल एवं अल्ट्रासाउंड केंद्र पर रेड की। रेड के दौरान यह पाया गया कि इस अस्पताल में प्रसव पूर्व लिंग जांच व कन्या भ्रूण हत्या की जा रही है। शामली से डॉ. अतुल की अगुवाई में आगामी कार्रवाई की गई।
सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि हरियाणा की गर्भवती महिलाओं की लिंग जांच का कार्य हरियाणा से लगते सीमावर्ती राज्यों में किया जा रहा है, जिससे प्रदेश का लिंगानुपात लगातार गिर रहा है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी के नेतृत्व में डॉ. विशाल चौधरी एवं डॉ. मोहित गिल की टीम गठित की गई। इस टीम ने एक दलाल से संपर्क किया तथा एक गर्भवती महिला को डिकॉय ग्राहक के रूप में तैयार किया गया।
डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि दलाल ने 30 हजार रुपए लेकर 28 नवंबर को गोहाना में फव्वारा चौक पर गर्भवती महिला को बुलाया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भवती महिला को निर्धारित स्थान पर दलाल के पास भेजा। वहां पर मीना नामक दलाल गर्भवती महिला को लेकर पानीपत की तरफ चल पड़ी। रास्ते में दलाल ने एक अन्य गर्भवती महिला को लिया तथा उत्तर प्रदेश के शामली जिला में पहुंची, जहां पर मां सावित्री अस्पताल एवं अल्ट्रासाउंड केंद्र पर इन गर्भवती महिलाओं की लिंग जांच करवाई गई। लिंग जांच के बाद एक महिला के गर्भ में लड़का तथा दूसरी महिला के गर्भ में लड़की बताई गई। जांच के दौरान दलाल से 52 हजार रुपए बरामद हुए तथा यह भी जानकारी मिली की अल्ट्रासाउंड सेंटर का किसी बीएएमएस डॉक्टर द्वारा संचालन किया जा रहा है, जो गर्भपात भी करवा रही है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि उस महिला डॉक्टर का साढ़े 4 माह पहले देहांत हो चुका है, जिसके नाम पर इस सेंटर का पंजीकरण है। टीम ने रोहतक से डॉ. संजीव मलिक, डॉ. विकास सैनी, डॉ. विजय, दीपक, जोगेंद्र सैनी व पुलिस विभाग की टीम शामिल रही।