Thursday, April 25, 2024
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400 साल पुराना खूनी भंडारा, आज भी रहस्य नहीं जान पाएं वैज्ञानिक……..

 

मिनरल वॉटर से भी साफ पानी, पानी का प्रवाह गुरुत्वाकर्षण के नियम के विरुद्ध और फिर भी नाम खुली भंडारा। ऐसा क्यों है। यह रहस्य आज भी वैज्ञानिक सुलझा नहीं पाए है। जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के बुरहानपुर बने 400 साल पुराने जल स्त्रोत की जहां से आज भी लोगों को पानी सप्लाई किया जाता है।

 

बताया जाता है कि इसका निर्माण करीब 407 साल पहले मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में किया गया था। 1615 ईस्वी में अब्दुर्रहीम खानखाना ने बुरहानपुर में कुंडी भंडारा बनवाया था] जो आज पूरी दुनिया में मशहूर है। पानी के संरक्षण और सप्लाई का यह अपनी तरह का अकेला सिस्टम है जो आज भी हर दिन करीब ढाई लाख लोगों की प्यास बुझाता है।

इस जगह के हैं कई नाम
कुंडी भंडारे के कई नाम हैं। कोई इसे खूनी भंडारा, नैहरे खैरे यारियां तो कोई कुंड़ी का भंडार भी कहता है। इतिहासकारों के मुताबिक, अब्दुर्रहीम खानखाना मुल्क शासक जहांगीर के शासनकाल में शहजादा परवेज के सूबेदार थे। उन्होंने इस जल स्रोत का निर्माण कुछ इस तरह कराया था कि आज भी 108 कुंडों में हमेशा पानी का बहाव बना हुआ है। यहां से आज भी पानी की सप्लाई की जाती है।

क्यों पड़ा खूनी भंडारा नाम?
इतिहासकार होशंग हवलदार बताते हैं कि जिस जगह खूनी भंडारा बना हुआ है, उस स्थान पर कुछ आक्रमणकारियों ने व्यापारियों के जत्थे को लूट लिया था। उनके शव उसी स्थान पर पड़े थे। जैसे ही उनके शव वहां से हटाए गए तो वहां से पानी का भंडार निकल पड़ा। तब से इसे खूनी भंडारा और कुंडी भंडारा कहा जाने लगा।

ऐसे पहुंचता है पानी
कुंडी भंडारा के चारों तरफ सतपुड़ा की बड़ी-बड़ी पहाड़ियां हैं, जिनसे रिसकर पानी इसके केंद्र में जमा होता है। बिना किसी पंपिंग सिस्टम के यह पानी हवा के दम पर 108 कुंडों तक पहुंचता है। यह संरचना आज भी चालू है।

यहां गुरुत्वाकर्षण के नियम फेल
खास बात यह है कि कुंडी भंडारे से पानी की सप्लाई की जो प्रक्रिया है, वह गुरुत्वाकर्षण के नियमों के विपरीत है। 80 फीट गहराई से पानी बिना किसी पंप के आगे बढ़ता है। यह पानी बहता हुआ नहीं दिखता, बल्कि छतों से टपकता रहता है और बूंदों के रूप में नजर आता है। करीब 3.9 किमी तक चलने के बाद ये बूंदें अंतिम कुंडी तक पहुंचती हैं और जमीन पर आ जाती हैं।

मिनरल वाटर जैसा शुद्ध पानी
कुंडी भंडारे का पानी मिनरल वाटर की तरह शुद्ध है। कई एजेंसियों ने यहां के पानी की जांच की तो पता चला कि इसकी पीएच वैल्यू 2 है। पानी की शुद्धता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुंडियों में कैल्शियम की बड़ी-बड़ी परत बन गई है।

80 फीट गहरी कुंडों को देखने के लिए लगी है लिफ्ट
कुंडी भंडारे को देखने के लिए नगर निगम ने लिफ्ट लगाई है। इसके जरिए लोग 80 फीट गहरे कुएं में उतरते हैं। वहां से फिर अन्य कुंडों तक पहुंचते हैं। इसे देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की मांग भी हो रही है।

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